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जेब में नहीं थे 250 रूपये भी फिर बेटी को बनाया क्रिकेटर,सेफली वर्मा की कुछ अनोखी बातें और तस्वीरें

भारतीय महिला क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम के बीच टी20 सीरीज के पहले मैच में 15 साल की भारतीय महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा ने डेब्यू किया।वह भारत के लिए T-20 प्रारूप में पदार्पण करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं। हालांकि, अपने पहले ही मैच में शेफाली को एक बड़ा झटका लगा जब वह केवल चार गेंदों तक ही क्रीज पर टिक सकीं और शून्य रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गईं।

शेफाली भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। इनका जन्म 28 जनवरी 2004 मे हरियाणा में हुआ था जो कि अभी 18साल 11 माह की है। 1978 में पैदा हुई गार्गी बनर्जी के बाद वह भारत के लिए खेलने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। सचिन तेंदुलकर का जन्म 1984 में हुआ था, जिसका मतलब है कि वह गार्गी बनर्जी से 6 साल बड़े थे।

दक्षिण अफ्रीका की महिला टीम के खिलाफ डेब्यू करने वाली शेफाली वर्मा अब भारत की सबसे कम उम्र की T-20 खिलाड़ी हैं। उन्होंने सचिन को देखकर 15 साल की उम्र में डेब्यू किया था, लेकिन वह अपने पहले ही मैच में शून्य पर आउट हो गई थीं।

सचिन तेंदुलकर के साल की उम्र में अपनी शुरुआत की।

शेफाली ने भले ही टी20 वर्ल्ड कप जीत लिया हो, लेकिन वह अभी भी खुश नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अन्य प्रतियोगिताएं भी चल रही हैं। खो-खो प्रतियोगिता शुरू हो रही है, साथ ही तीरंदाजी और तलवारबाजी प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं।

कुलदीप ने 8 हजार किलोमीटर दूर बेहना में मुकाबला कर अपने सपने दिखाए। लेकिन वर्ल्ड कप जीतने के बाद शेफाली की सबसे बड़ी गलती तब हुई जब उनकी बेइज्जती हुई.

शेफाली ने इतिहास रच दिया।

डेब्यू करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी शैफाली वर्मा महज 15 साल 239 दिन की थीं जब उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। वह भारत के लिए खेलने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं और उनसे पहले 1978 में गार्गी बनर्जी ने 14 साल 165 दिन की उम्र में डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 16 साल, 6 महीने और 23 दिन की उम्र में की थी।

सचिन को देख शुरू किया क्रिकेट खेलना

शैफाली वर्मा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के लिए लंबा सफर तय कर रही हैं। पांच साल पहले, उसने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते देखा और वह खुद इस खेल को खेलने के लिए प्रेरित हुई।

सचिन तेंदुलकर ने रणजी ट्रॉफी का अपना आखिरी मैच हरियाणा के खिलाफ लाहली में खेला था और शेफाली भी खेल में शामिल हुई थीं। तब शेफाली महज 15 साल की थीं। वह हमेशा भारत के लिए खेलने के लिए दृढ़ संकल्पित रही हैं और उन्होंने अपने पदार्पण से पहले इसका उल्लेख किया था।

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