भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर यू तो हमेशा सुर्ख़ियों का पात्र बनते हैं, संन्यास के बाद से ये ज़्यादा सुर्कियो में है। संन्यास के बाद गौतम गंभीर ने कमेंटरी को अपना मुख्य प्रोफेशन बनाया, कमेंटरी करने के साथ साथ वो आए दिन क्रिकेट se जुड़े मामलो पर अपनी राय देते रहते है। गौतम गंभीर को कई बार खिलाड़ियो की आलोचना करते हुए भी देखा गया है। इस बार सुर्ख़ियों की वजह कुछ अलग ही है, गौतम गंभीर ने ड्रीम 11 जैसी सभी फैंटसी गेमिंग ऐप्स को अपने रडार में लिया। इन पर पूरी तरह से लगना चाहिए बैन बोले पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर।
फैंटसी साईट ड्रीम 11 पर भड़के गौतम गंभीर:
विज्ञापन के इस दौर में, खिलाड़ियो का अनेक विज्ञापनों में दिखना लाज़मी हैं। देश के ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी भी इन ऐप्स के विज्ञापनो में देखने को मिलते हैं, बढ़ चढ़ कर इन साइट्स का प्रचार करते हैं, इनमें बीसीसीआई ( Bcci ) अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल हैं। आपको बता दें गांगुली “ माई इलेवन सर्कल” जो की ड्रीम 11 जैसी ही फैंटसी साईट हैं, का प्रचार करते हैं। सबसे विख्यात टी20 टूर्नामेंट आईपीएल ( ipl ) के ज़्यादातार स्पान्सर इन्ही साईट से है।
बढ़ते प्रचारों को देखते हुए भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर ने भड़कते हुए दादा को आड़े हाथ लिया हैं।
“अगर बीसीसीआई अध्यक्ष (सौरव गांगुली), ऐसा कर रहे हैं, तो आप अन्य खिलाड़ियों से ऐसा नहीं करने की उम्मीद कर सकते हैं.”
गंभीर (Gautam Gambhir) ने आगे कहा,
“हमें इसे भारत में पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए. यह राज्यवार नहीं हो सकता. किसी को भी इसका सपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. आईपीएल में, अधिकांश विज्ञापन और स्पॉन्सरशिप ड्रीम 11 जैसे फैंटसी गेमिंग साइटों से ही आता है. यह बीसीसीआई का सामूहिक निर्णय होना चाहिए कि हमें ऐसा होने देना चाहिए या नहीं.”
“मैं फैंटसी गेम को कर चुका हूं इंडोर्स”
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने आगे अपने बयान में इस बात का भी ज़िक्र किया कि कभी व्यक्तिगत रूप से उन्हें इस तरह की विज्ञापन के लिए संपर्क नहीं किया गया है. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टी की है कि वह फैंटसी गेम की मशहूरी कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी किसी सट्टेबाज़ी का प्रचार करने वाली किसी भी एप या कंपनी का समर्थन नहीं किया. गौतम गंभीर ने कहा,“मैं फैंटसी गेम को इंडोर्स कर चुका हूं. मैं बहुत स्पष्ट था. हमें एक समय में यह आशंका थी कि हमें ये करना चाहिए या नहीं. फैंटसी और सट्टेबाज़ी शायद थोड़े सामान हैं, लेकिन बिल्कुल समान नहीं हैं. जब मैंने फैंटसी गेम के मालिक से बात की जिसका मैं समर्थन करता हूं. तो मैंने पूछा कि क्या वे कैश प्राइज में भुगतान करते हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं, हम नकद में नहीं केवल उपहार और हैम्पर्स ही देते हैं.”
गौरतलब है कि गौतम गंभीर की बात बिल्कुल जायज है कि ड्रीम 11 जैसी फैंटसी गेमिंग एप को बैन कर देना चाहिए. क्योंकि जाने अनजाने में इसका समाज पर बुरा असर पड़ता है. इतना ही नहीं बल्कि यह सट्टेबाज़ी को भी कहीं ना कहीं बढ़ावा देता है.