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BCCI के नए नियम से T-20 क्रिकेट में आएगी नयी बहार,एक होगा अंदर, एक जाएगा बाहर

क्रिकेट के खेल को दिलचस्प बनाने के लिए बीसीसीआई ने एक नया प्रयोग करने की ओर कदम बढ़ाया है। बोर्ड इसको सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में आजमाने के लिए तैयार है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी भारत का घरेलू टी20 टूर्नामेंट है जो 11 अक्टूबर से शुरू होगा और 5 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान बीसीसीआई ने इंपैक्ट प्लेयर (Impact Player) का कांसेप्ट लाया है जो ऐसे ही काम करेगा जैसे फुटबॉल, बास्केटबॉल जैसे गेम्स में सब्स्टिट्यूट प्लेयर करता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं ये नियम क्या है और कैसे काम कर सकता है।

इंपैक्ट प्लेयर बीसीसीआई का मानना है ऐसा करने से मैच ना केवल दर्शकों के लिए बल्कि खेलने वाली टीमों के लिए भी दिलचस्प बन जाएगा। टीमों को मैच की स्थिति के हिसाब से अपनी रणनीति सेट करने का नया तरीका मिलेगा। इस नियम के मुताबिक कोई टीम टी-20 मुकाबले के दौरान अपनी प्लेइंग इलेवन के एक खिलाड़ी को एक इंपैक्ट प्लेयर से रिप्लेस कर सकती है। ध्यान रहे किसी भी स्थिति में मैदान पर खिलाड़ी 11 ही बैटिंग करेंगे। इसके लिए टीमों के कप्तानों को टॉस के समय प्लेइंग इलेवन के अलावा चार सब्स्टिट्यूट्स के नाम देने होंगे।

14वें ओवर से पहले ही इस्तेमाल करना होगा इनमें से एक सब्स्टिट्यूट को इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर खिलाया जा सकता है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि एक मैच में एक टीम एक ही इंपैक्ट प्लेयर को उतार सकती है। वह किस खिलाड़ी का इस्तेमाल करेगी यह पूरी तरह टीम पर निर्भर करता है। नियम के मुताबिक इंपैक्ट प्लेयर को किसी भी पारी के 14वें ओवर से पहले ही इस्तेमाल करना जरूरी है। इसके लिए कप्तान या टीम का हेड कोच या मैनेजर चौथे अंपायर को बताएगा और फिर उस ओवर के बाद इंपैक्ट प्लेयर मैदान में आ सकता है।

ऐसी स्थिति में काम नहीं करेगा ये नियम जिस खिलाड़ी की जगह इंपैक्ट प्लेयर आएगा वह खिलाड़ी फिर मैच में वापस नहीं आ सकता है चाहे कोई भी स्थिति हो। इंपैक्ट प्लेयर मैदान में तभी उतरेगा जब कोई ओवर समाप्त हो चुका हो या फिर उसको किसी विकेट के गिरने पर भी मैदान में लाया जा सकता है और अगर कोई टीम फील्डिंग कर रही है तो किसी खिलाड़ी की चोट के समय भी इंपैक्ट प्लेयर आ सकता है। बीसीसीआई के नियम के मुताबिक अगर कोई मुकाबला दोनों पारियों में 10 ओवर से कम का हो रहा है तो वहां पर कोई इंपैक्ट प्लेयर नहीं होगा। लेकिन अगर किसी टीम को 10 ओवर भी खेलने का मौका नहीं मिला और बारिश या किसी वजह से मैच की पहली 10 ओवर से पहले ही समाप्त हो गया गई और आगे जाकर बचे हुए ओवरों में और भी कमी की जाती है, तो दोनों ही टीमों को इंपैक्ट प्लेयर इस्तेमाल करने की छूट होगी।

इंपैक्ट प्लेयर कैसे काम करेगा इंपैक्ट प्लेयर कैसे काम करेगा उसको आप दो उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए एक टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए काफी विकेट खो देती है और चुनौतीपूर्ण टारगेट खड़ा करने के लिए अपनी बल्लेबाजी को बढ़ाना चाहती है तो वह उस बल्लेबाज के लिए भी एक इंपैक्ट प्लेयर उतार सकती है जो पहले ही आउट हो चुका है। इस स्थिति में भी केवल 11 बल्लेबाज ही बल्लेबाजी करेंगे। ऐसे में गेंदबाजी कर रही टीम चाहे तो इनिंग ब्रेक तक अपने इंपैक्ट प्लेयर को रोक सकती है और बाद में वो भी अपनी बल्लेबाजी में गहराई के लिए उसको इस्तेमाल कर सकती है। या फिर वह इंपैक्ट प्लेयर को गेंदबाजी विकल्प के तौर पर उतार सकती है जो मैच और पिच की कंडीशन के हिसाब से तय किया जा सकता है।

दोनों ही टीमों के पास मैच की स्थिति के हिसाब से मौका होगा वहीं दूसरी स्थिति यह है कि कोई टीम बैटिंग करते हुए अच्छा स्कोर बनाती है और उसके बाद अपनी गेंदबाजी के समय उस प्लेयर के स्थान पर इंपैक्ट प्लेयर उतार सकती है जो पहले बैटिंग कर चुका है। तब इंपैक्ट प्लेयर एक गेंदबाज हो सकता है और टीम अपनी बॉलिंग को मजबूत कर सकती है। जबकि दूसरी टीम के पास यह विकल्प रहेगा कि वह अपने ओपनिंग बॉलर (जो 11 नंबर का बल्लेबाज होगा) को टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज के साथ रिप्लेस कर दे और उनकी बल्लेबाजी में गहराई आ जाए। किसी भी स्थिति में केवल 11 खिलाड़ी ही बैटिंग करेंगे।

नए नियम से T20 क्रिकेट में आएगी नई बहार फिलहाल बीसीसीआई ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में ही ये प्रयोग करने का फैसला किया है। अगर यह सफल रहा तो आगे भी बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल इस पर चर्चा नहीं हुई है कि इस नियम को महिला टी20 या आईपीएल में भी आजमाना चाहिए या नहीं। पर इस बात की पूरी उम्मीद है यह नियम खेल में नया डायमेंशन जोड़ने जा रहा है। यह मैदान में कितना दिलचस्प लगेगा ये समय बताएगा। कागजों पर शानदार चीजो को मैदान पर उतनी रोचकता से उतारना सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए नई चुनौती भी है।

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